भाजपा-जेजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष 22 फरवरी को हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगा। गठबंधन सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने पूरी रणनीति तैयार की है। विपक्ष की ओर से गठबंधन सरकार को भ्रष्टाचार, भर्तियों व परिवार पहचान पत्र की खामियों को लेकर घेरा जाएगा। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शोक प्रस्ताव पढ़े।
संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सदन पटल पर कागज-पत्र रखे। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कार्य सलाहकार समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की। बजट सत्र की कार्यवाही 28 फरवरी तक चलेगी। 22 फरवरी को विपक्ष की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर सदन में वोटिंग कराई गई, जिसका कांग्रेस के सभी विधायकों ने समर्थन किया। कांग्रेस की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रघवीर कादियान, जगबीर मलिक, गीता भुक्कल, वरुण चौधरी, अमित सिहाग, मामन खान, बीबी बत्रा, शमशेर सिंह गोगी और नीरज शर्मा ने सहित 26 विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं। वहीं गठबंधन सरकार की ओर से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए रणनीति तैयार की है।
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होगी और शाम 6 बजे तक चलेगी। जबकि इसी सत्र में सदन के समय में बदलाव किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू करने और शाम पांच बजे तक संचालन करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। हालांकि अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की ओर से इसी सत्र में इस प्रस्ताव को लागू करने की सहमति जताई थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा ऐतराज जताने पर इससे अगले सत्र से प्रक्रिया में लाने पर सहमति बनी।
बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण के साथ सुबह 11 बजे शुरू हुई। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नेता प्रतिपक्ष ने शोक प्रस्ताव पढ़े। सदन की कार्यवाही का संचालन शाम छह बजे तक करने पर नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने ऐतराज जताते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है क्योंकि अगले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलने के लिए विधायकों को तैयारी करनी होती है।
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