Home Uncategorized रमजान के महीने में इजरायल का कहर, एयर स्ट्राइक में शरणार्थी कैंप तबाह, गाजा में 150 की मौत

रमजान के महीने में इजरायल का कहर, एयर स्ट्राइक में शरणार्थी कैंप तबाह, गाजा में 150 की मौत

रमजान के महीने में इजरायल का कहर, एयर स्ट्राइक में शरणार्थी कैंप तबाह, गाजा में 150 की मौत

हमास और इजरायल के बीच सीजफायर की खत्म होती उम्मीदों के बीच गाजा में आईडीएफ का कहर बरप रहा है. हालात ये है कि रमजान के पवित्र महीने में भी गाजा में इजरायल के हवाई हमले जारी हैं. शुक्रवार की देर रात गाजा के नुसीरात कैंप पर इजरायल ने हवाई हमले किए हैं. इस हमले में दो बच्चों और तीन महिलाओं सहित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 घंटे के दौरान 150 लोग मारे गए हैं.

इजरायल ने नुसीरात कैंप के साथ-साथ गाजा के कई और शहरों पर भी मिसाइल से हमले किए हैं. एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक पिछले 24 घंटे में इजरायली हमले में 150 फिलिस्तीनी मारे गए, जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए हैं. इजरायल गाजा में अपने हमले ऐसे समय में जारी रखे हुए है जब रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. मारे गए फिलिस्तीनियों में कई ऐसे भी थे जिन्होंने रोजा रखा हुआ था.

कहा जा रहा है कि रफाह में जमीनी सैन्य अभियान चलाने की तैयारी कर रहे इजरायल ने ये हमला अपनी तैयारियों को परखने के लिए किया है. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल से रफाह में सैन्य कार्रवाई ना चलाने की अपील की है. यूएन प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा, ”मुझे लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में रफाह में जमीनी कार्रवाई के परिणाम फिलिस्तीनियों के लिए विनाशकारी होंगे. यह विनाशकारी होगा.”

दरअसल फिलिस्तीन की 23 लाख की आबादी में से 13 लाख लोगों ने इजरायली हमले से बचने के लिए रफाह में शरण ले रखी है. यदि इजरायल मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह में जमीनी सैन्य अभियान चलाता है तो भारी तबाही तय है. अमेरिका सहित ज्यादातर देशों ने भी इजरायल से रफाह में अपने सैनिकों को ना भेजने की अपील की है. अमेरिकी राष्ट्रपति भी कह चुके हैं कि वो और 30 हजार फिलिस्तीनियों को मरते हुए नहीं देख सकते.

गाजा संकट पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आमने-सामने आ चुके हैं. राष्ट्रपति बाइडेन की चेतावनी को नज़रअंदाज करते हुए नेतन्याहू ने गाजा के रफाह में जमीनी सैन्य अभियान चलाने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि हमारा हमले का पक्का इराद है. हमें को कोई रोक नहीं सकता है. हम किसी भी हाल में इजरायल में 7 अक्टूबर को हुई भयावह घटना को किसी को दोहराने नहीं देंगे.

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायल की सेना रफाह जरूर जाएगी. हमारे पास एक रेड लाइन है. वो रेड लाइन ये है कि अब हम​ फिर सात अक्टूबर जैसी घटना नहीं होने देंगे. मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह में 13 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनियों ने शरण ले रखी है. ऐसे में यदि इजरायल यहां जमीनी हमला करता है तो भारी नुकसान होना तय है. बड़ी संख्या में लोग मारे जाएंगे. इसे लेकर दुनिया कई देश फिक्रमंद हैं.

यह भी पढ़ें: गाजा पर आमने-सामने अमेरिका और इजरायल, नेतन्याहू ने कहा- 7 अक्टूबर दोबारा नहीं होने देंगे!

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि वे रफाह में हमले का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा था कि वो ये स्वीकार नहीं कर सकते कि 30 हज़ार और फिलिस्तीनी मारे जाएं. गाजा में जंग के लिए नेतन्याहू का नजरिया इजरायल की मदद करने से ज्यादा इजरायल को नुकसान पहुंचा रहा है. इसके साथ ही इजरायली पीएम को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन ने बयान देते हुए कहा था कि फिलहाल उनके साथ बैठक की कोई योजना नहीं है.

रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. गाज़ा में फिलिस्तीनी युद्ध के साये में रोज़ा रख रहे हैं. संकट की इस घड़ी में गाजा की एक बड़ी आबादी भूखमरी की कगार पर है. जंग की वजह से पैदा हुए संकट की घड़ी में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को पांच महीने से ज्यादा हो गए हैं. हालात बेहद नाज़ुक हैं. इजरायली हमलों में गाजा का 80 फीसदी हिस्सा तबाह हो चुका है. 31 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं.

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