साइबर अपराधियों का बढ़ा खतरा : डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन की चेतावनी फेक सिम कार्ड से बचें
हाल ही में डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन (DoT) ने करोड़ों मोबाइल यूजर्स को सतर्क करते हुए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। DoT ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें बताया गया है कि साइबर अपराधी आपके डॉक्यूमेंट्स का गलत इस्तेमाल करके फेक सिम कार्ड खरीद सकते हैं। इस प्रकार के फेक सिम कार्ड का इस्तेमाल फ्रॉड और अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है। DoT के अनुसार, इस संबंध में अब तक 1 करोड़ 43 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से लगभग 1 करोड़ 14 लाख का निस्तारण किया जा चुका है। DoT ने इस खतरे से बचने के उपाय भी साझा किए हैं, जिससे यूजर्स अपने नाम पर किसी फेक सिम कार्ड के सक्रिय होने की पहचान कर सकें। फेक सिम कार्ड क्या है? फेक सिम कार्ड वह होता है, जो फर्जी या गलत दस्तावेजों का उपयोग करके जारी किया जाता है। आमतौर पर साइबर अपराधी इसका उपयोग साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी या ब्लैकमेलिंग के लिए करते हैं। साइबर अपराधियों के तरीके हालांकि बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और KYC (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को सख्त किया गया है, फिर भी कुछ तरीके हैं जिनसे साइबर अपराधी किसी के नाम पर फेक सिम निकाल सकते हैं: • फोटोशॉप या आधार कार्ड की डिजिटल कॉपी का दुरुपयोग। • आधार डेटा लीक या बायोमेट्रिक से छेड़छाड़। • बैंक, टेलिकॉम या सरकारी एजेंट बनकर लोगों को कॉल कर आधार नंबर और OTP हासिल करना। यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर अपने नाम पर सक्रिय सिम कार्ड की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें। सुरक्षा के प्रति सजग रहना अत्यंत आवश्यक है ताकि साइबर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
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